Ghar ki registry kaise kare | घर की रजिस्ट्री कैसे होती है | Ghar ki registry kaise kare online | कम खर्च में रजिस्ट्री कैसे करें | ज़मीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन कैसे करें | घर की रजिस्ट्री करने में कितना खर्च आता है
किसी भी मकान, गोदाम, हवेली व अन्य प्रॉपर्टी की registry कराना बहुत ज़रूरी होता है l किसी भी मकान की registry से पता चल जाता है कि मकान का असली मालिक कौन है l यदि मकान, घर या गोदाम की registry नहीं कराई जाएगी, तो इस स्थिति में कभी भी धोखाधड़ी हो सकती है और मकान मालिक की प्रॉपर्टी पर कब्जा भी किया जा सकता है l इन्हीं सब चीजों से बचने के लिए मकान को कानूनी तौर पर अपने नाम करना Registry कहलाता है l
Ghar ki registry kaise kare
इस आर्टिकल में हम आपको मकान की registry से संबंधित बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी देंगे l जब भी हमें कोई प्रॉपर्टी खरीदना हो, या घर या कोई गोदाम खरीदना हो तो हम उसके सभी दस्तावेजों को अच्छे से चेक करते हैं और उसके बाद लिखा-पढ़ी की जाती है, उसके बाद उसकी तय कीमत देकर हम उस प्रॉपर्टी को खरीद लेते हैं l लेकिन मकान लेने की प्रक्रिया यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि अगर आप मकान खरीद चुके हैं या खरीद रहे हैं तो आप कानूनी तौर पर उसी समय उस मकान के मालिक कहलाएंगे जब आप उस मकान या घर की Registry करा लेंगे l
मध्यप्रदेश में अक्सर घर मकान ऐसे ही हैं, जिनकी रजिस्ट्री नहीं हुई है आगे चलकर उन्हें काफी प्रॉब्लम भी हो सकती है l तो अगर आपके पास खुद का घर या मकान है और आप उस मकान के कानूनी तौर पर मालिक बनना चाहते हैं तो आपको अपनी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा l
Ghar ki registry kaise kare | घर की रजिस्ट्री कैसे होती है, मकान की रजिस्ट्री कैसे होती है, रजिस्ट्री कराने में कितने खर्चे आते हैं व घर की रजिस्ट्री हुई है या नहीं, यह कैसे चेक करते हैं l इन सभी की जानकारी के लिए इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें, ताकि आपको मकान की रजिस्ट्री से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाए, और मकान खरीदते अथवा बेचते समय किसी भी तरह की गैर कानूनी कार्यवाही और फ्रॉड होने से बच सकें l
मकान की रजिस्ट्री कराने के नियम क्या क्या है
दोस्तों घर/मकान की रजिस्ट्री होना एक बड़ी ही गंभीर प्रक्रिया होती है जिसमे आपको बिलकुल भी लापरवाही नहीं करना चाहिए l सिर्फ कागजात पूरे होने से कुछ नहीं होता है बल्कि एक सही सिस्टम से आपको प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए, जिसमे आपको कुछ उसूलों को ध्यान में रखना है, ये रहे वो उसूल :
- ज़मीन/मकान की रजिस्ट्री के लिए प्रमाणित नकशा होना चाहिए
- ज़मीन के कागजात में विक्रयकर्ता का सही नाम और पता लिखा होना चाहिए
- अपने मकान/ज़मीन का वैल्यूएशन कराए
- अपने साथ कम से कम 2 गवाहों को साथ रखें
- वैल्यूएशन के अनुसार स्टाम्प पेपर लें
- अधिक जानकारी के लिए किसी अच्छे सलाहकार से कांटेक्ट करें
घर की रजिस्ट्री के लिए कौन कौन से दस्तावेज लगते हैं
दोस्तों घर/मकान की रजिस्ट्री कराने की सोच रहे हैं तो उससे पहले ये सुनिश्चित करें कि जिन जिन दस्तावेजों की आपको ज़रुरत होगी क्या वह आपके पास है भी या नहीं l नीचे हमने आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सूची दी है जो की रजिस्ट्री के लिए देना अनिवार्य है :
- पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी/पैन कार्ड)
- स्टाम्प पेपर
- क्रय-विक्रय का अग्रीमेंट
- नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (बैंक द्वारा)
- ज़मीन के सारे कागजात (जो खरीदते समय आपको दिया गया)
- प्रॉपर्टी टेक्स (यदि लागु हो तो)
- बैंक से transaction स्लिप/Cheque
Makan ki registry kaise kare
क्या आपने कभी लोगों को जमीन खरीदते या बेचते देखा है? यह कुछ ऐसा है जो बहुत बार होता है। ज़मीन लोगों के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण है, और कभी-कभी वे इसे खरीदने के लिए अपना सारा पैसा भी खर्च कर देते हैं। यह अब तक खरीदी गई उनकी सबसे महंगी चीज़ है। लोग पैसे बचाते हैं और कभी-कभी ज़मीन खरीदने में सक्षम होने के लिए सोना या अपना व्यवसाय जैसी चीज़ें भी बेच देते हैं। लेकिन वे वास्तव में इसे कैसे खरीदते हैं? वे यह कैसे सुनिश्चित करें कि यह आधिकारिक तौर पर उनका है? यहीं पर भूमि पंजीकरण और रजिस्ट्री आती है। तो चलिए जानते है की ये रजिस्ट्री क्या चीज है और ये कैसे कर सकते है l
क्या होती है रजिस्ट्री?
जब कोई संपत्ति खरीदता है, तो उसे यह दिखाने के लिए दस्तावेजों पर नाम बदलना पड़ता है कि अब वह मालिक है। इस प्रक्रिया को रजिस्ट्री कहा जाता है. यह विक्रेता का नाम हटाकर खरीदार का नाम उन कागजात पर डालने जैसा है जो साबित करते हैं कि जमीन का मालिक कौन है। भारत में, यह एक कानूनी प्रक्रिया है जो लोगों को जमीन खरीदने और बेचने की अनुमति देती है।
कैसे होती है रजिस्ट्री?
जब लोग जमीन खरीदना चाहते हैं तो उन्हें पंजीकरण नामक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसका मतलब है कि उन्हें आधिकारिक तौर पर सेल डीड नामक एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करना होगा, जो दर्शाता है कि वे भूमि के नए मालिक हैं। बिक्री विलेख खरीदार और विक्रेता दोनों द्वारा शर्तों पर सहमत होकर बनाया जाता है। एक बार विक्रय विलेख तैयार हो जाने पर, इसे ऑनलाइन पंजीकृत किया जाता है।
इसका मतलब है कि सभी आवश्यक दस्तावेज़ और फ़ोटो ऑनलाइन जमा किए जाते हैं। ऑनलाइन फॉर्म सबमिट करने के बाद एक विशेष नंबर दिया जाता है. इस नंबर के साथ क्रेता और विक्रेता को रजिस्ट्री ऑफिस जाकर सेल डीड दिखानी होगी. रजिस्ट्री कार्यालय के लोग हर चीज की जांच करते हैं और फिर आधिकारिक तौर पर बिक्री विलेख को पंजीकृत करते हैं। मूल विक्रय विलेख आमतौर पर उसी दिन वापस दे दिया जाता है, लेकिन कभी-कभी इसमें एक अतिरिक्त दिन लग सकता है।
ज़मीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन कैसे करें
सबसे पहले संपत्ति या जमीन का मूल्य निर्धारित किया जाता है। फिर, विशेष कागज़ खरीदे जाते हैं जिन्हें स्टाम्प पेपर कहा जाता है। विलेख, जो एक विशेष कागज की तरह होता है जिससे पता चलता है कि भूमि का मालिक कौन है, इन स्टाम्प पेपरों पर लिखा जाता है। स्टांप शुल्क एक विशेष स्टांप की तरह है जो साबित करता है कि जमीन का मालिक कौन है। बैनामा नामक एक विशेष बैठक के दौरान, वर्तमान मालिक और जमीन खरीदने वाले व्यक्ति के बारे में सारी जानकारी लिखी जाती है। फिर, एक कार्यालय में एक विशेष नंबर के साथ पंजीकरण किया जाता है।
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डीड पर हस्ताक्षर करते देखने वाले दो लोगों का भी वहां होना आवश्यक है। बैनामा पर उनकी तस्वीरें, आईडी कार्ड और हस्ताक्षर लगाए जाते हैं। जमीन के बारे में महत्वपूर्ण दस्तावेज और खरीदार और विक्रेता दोनों के आईडी कार्ड भी दिए गए हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद सबूत के तौर पर एक स्लिप दी जाती है. इस पर्ची को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है. जब आपके पास पर्ची होगी तो इसका मतलब है कि पंजीकरण पूरा हो गया है। अब जमीन खरीदने वाला व्यक्ति ही मालिक बन जाता है।
रजिस्ट्री के समय इन बातो को ध्यान में रखे
घर खरीदने से पहले कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। सबसे पहले, आपको यह जांचना होगा कि सभी कानूनी प्रक्रियाएं और कागजी कार्रवाई ठीक से की गई हैं या नहीं। आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि संपत्ति के साथ कोई कानूनी समस्या न हो। अंत में, कुछ और नियम हैं जिनका पालन आप यह सुनिश्चित करने के लिए कर सकते हैं कि सब कुछ अच्छे रूप से चले:
- जिस जमीन को आप खरीदना चाहते हैं. इस संपत्ति के मालिक की गहन जांच करें और कितनी जगहों पर जमीन की खरीद-फरोख्त की गई. इसकी अच्छी तरह से जांच सुनिश्चित करें।
- जमीन बेचने वाला व्यक्ति, उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें और संपत्ति संबंधी दस्तावेज उक्त व्यक्ति के नाम पर हैं या नहीं। ध्यान से जांचें कि पावर ऑफ अटॉर्नी उस व्यक्ति के नाम पर है या किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर।
- जब भूमि कृषि प्रयोजन हेतु खरीदी जाती है। इसलिए इस राज्य के आधिकारिक पोर्टल पर तहसील ग्राम जिले की तलाश करें और खसरा संख्या या सर्वेक्षण संख्या द्वारा देश की खसरा खतौनी की ऑनलाइन जमाबंदी अवश्य जांचें।
घर की रजिस्ट्री करने में कितना खर्च आता है
दोस्तों मकान की रजिस्ट्री में कितना खर्च आएगा ये दो चीज़ों पर निर्भर करता है एक तो ज़मीन के साइज़ और दूसरा, सामने वाली पार्टी कितने पैसे लेती है, इसके अलावा सरकारी विभाग के कामों में कम खर्च आता है l यदि आप आज के समय में 500 sq Feet के घर की रजिस्ट्री कराते हैं तो लगभग 2 लाख रूपये खर्च आ सकता है l
Conclusion
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि Ghar ki registry kaise kare | घर की रजिस्ट्री कैसे होती है | Ghar ki registry kaise kare online | कम खर्च में रजिस्ट्री कैसे करें | ज़मीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन कैसे करें , उम्मीद करते हैं कि आर्टिकल पढने के बाद अब आप आसानी से कम पैसे में अपने घर की रजिस्ट्री करा सकेंगे l यदि इस मामले में कोई डाउट हो तो कमेन्ट करें l
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