Jhoota shapath patra dene par kya saja milti hai | झूठे शपथ पत्र पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले | हलके😢में मत लेना, भले ही आप वज़नदार हों | शपथ पत्र का क्या काम काम होता है | झूठा शपथ पत्र देने पर सजा | शपथ पत्र का महत्व |
दोस्तों कभी -कभार हालात ऐसे बन जाते है कि आदमी को झूल बोलना पड़ता है, तो कभी कभार वह खुद ही झूट बोलता है l हम सभी जानते है कि झूट कितना खतरनाक होगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि किस मामले में झूट बोला गया है, लेकिन ध्यान रहे कि ज़बान से चार लोगों के सामने झूट बोलने में और लिखित कागज़ी कार्यवाही में झूट लिखने में ज़मीन -आसमान का फर्क होता है l
Jhoota shapath patra dene par kya saja milti hai
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि Jhoota shapath patra dene par kya saja milti hai | झूठे शपथ पत्र पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले | बयान बदलने पर कौन सी धारा लगती है | गलत बोलने पर कौन सी धारा लगती है,,, तो दोस्तों अगर आप कभी किसी कार्यवाही में फंसते हैं या कानूनी, गैर कानूनी मामलात में शामिल रहते हैं तो आपको एफिडेविट से सम्बंधित इस बात की जानकारी जहोना चाहिए कि Jhoota shapath patra dene par kya saja milti hai और झूठे शपथ पत्र पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले क्या हैं l
शपथ पत्र का क्या काम काम होता है
शपथ पत्र जिसे हलफ नामा और अंग्रेजी में एफिडेविट कहते हैं ये एक ऐसा प्रमाण पत्र होता है जिसका सम्बन्ध कानूनी कार्यवाही से है l शपत्र पत्र कभी प्रूफ के लिए, कभी गवाही के लिए तो कभी किसी बात की पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया जाता है l आम तौर पर शपथ पत्र का सबसे ज्यादा अदालत में उपयोग होता है l
किन सामान्य मामलों में बनाये जाते है शपत्र पत्र
- जब अंकसूची में सुधार कराना हो
- जब कॉलेज आईडी या अन्य कोई आईडी खो जाए तो
- जब थाने में किसी पर्टिकुलर मुद्दे के लिए FIR करानी हो
- मकान, दूकान या किसी विशेष मुद्दे पर अग्रीमेंट करना हो
- एक संस्था से कुछ वर्षो के गैप पर दूसरी संस्था में प्रवेश लेना हो
- जन्म प्रमाण पत्र, घोषणा प्रमाण पत्र, अभिभावक प्रमाण पत्र इत्यादि दस्तावेज़ बनवाना हो
इत्यादि ऐसे विषय हैं जिसमे हमें एफिडेविट (शपत्र पत्र/हलफ नामा) की ज़रूरत पड़ती है l ये सभी तो मोटे-मोटे विषय हैं, असली पकड़ तो सत्र न्यायलय और उच्च न्यायलय में होती है और वहां ज़रा भी डॉक्यूमेंट में चालाकी भारी पड़ जाती है l इसीलिए आपका ये जानना बहुत ज़रूरी है कि Jhoota shapath patra dene par kya saja milti hai और झूठे शपथ पत्र पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले क्या-क्या हो सकते हैं l
शपथ पत्र का महत्व
- आपके दावे/बात में दम रहती है
- आप सही हैं इस बात का भी एक सूचक है
शपत्र पत्र बनवाते/प्रस्तुत करने से पहले करें ये काम
- अपना विषय अच्छे से समझ लें
- यदि आप पढ़े लिखे हैं तो स्वयं ही एक कागज़ में matter लिख लें
- शपथ पत्र में नोटरी टिकेट ज़रूर attach कराएं
- शपथ पत्र की कच्ची कॉपी को पहले अच्छे से preview करें
- जो भी मामला हो उसमे सिफ वही लिखवायें, फालतू या बढ़ा-चढ़ाकर न लिखवायें
झूठा शपथ पत्र देने पर सजा
Jhoota shapath patra dene par kya saja milti hai : दोस्तों अगर आप किसी सरकारी कार्यालय में अपना शपथ पत्र (झूठा) पेश करते हैं और इसके खिलाफ कोई व्यक्ति अपना एविडेंस पेश करता है (प्रूफ के साथ) और आपका झूठा शपथ पकड़ा जाता है तो इस दशा में आपको कम से कम 3 साल की सज़ा हो सकती है या आर्थिक दंड भी दिया जा सकता है l
झूठे शपथ पत्र पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले
अगर आप अदालत के सामने झूठा एफिडेविट पेश करते हैं और इसमें फंसते हैं तो आपके ऊपर अनुभाग 340 CRPC के तहत मुकदमा चलाया जाएगा, यदि आप दोषी पाए जाते हैं तो अदालत में अधिकतम 7 साल की सजा हो सकती है l
कैसे बनाते हैं झूठा शपथ पत्र
- सम्बंधित मुद्दे की सही जानकारी न होने पर
- आवेदक का साक्षर (पढाई -लिखाई) स्तर कम होना
- किसी अच्छे सलाहकार से बिना सलाह के बनवाने पर
FAQs – Jhoota shapath patra dene par kya saja milti hai
मैंने 2 साल पहले 12वीं पास की है अब कॉलेज में एडमिशन के लिए मुझे एफिडेविट बनवाना होगा?
जी हाँ l आपको गैप सर्टिफिकेट के रूप में एफिडेविट बनवाना होगा और कम से कम 100 रूपये के स्टाम्प पेपर में l
मेरी मार्कशीट गुम हो गई, FIR के लिए एफिडेविट ज़रूरी है?
जी हाँ l जब आप अपने स्कूल से डुप्लीकेट मार्कशीट के लिए अपील करते हैं तो उन्हें पहले आपको FIR की कॉपी देना होगा जिसके लिए एफिडेविट ज़रूरी है l